बुधवार, 21 मार्च 2018

क्राउड इन द मैन


लालबत्ती चौराहे पर
रुकते ही वाहनों के
दौड़ पड़ते हैं बच्चे
उलझे गन्दे बालों वाले
पहने मैले-कुचैले कपड़े
लेकर फूलों की माला
‘ले लो न सर एक’। 
सेठ और साहब
नहीं सुनते गुहार
नहीं देखते उनकी ओर ।
शीशे चढ़ी कार के पास
होकर खड़े 
पत्थर के बुतों को निहारते बच्चे
गोया माँग रहे हों भीख ।
रंग बदलते ही बत्ती का
बच्चे हो जाते हैं निराश
सेठ और साहब के बुत
करने लगते हैं हरकत
और दौड़ पड़ता है काली सड़क पर
महँगी गाड़ियों का रेला ।

गन्दे बच्चों के पास हैं
उजले फूलों की मालायें
उजले लोगों के पास हैं
गन्दे दिल
बेहद उलझे हुये ।

चौराहों पर है
मैन इन द क्राउड
ठीक
उन्हीं चौराहों पर है
क्राउड इन द मैन भी ।

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