शनिवार, 28 मार्च 2015

चीन से लाये, पत्तियाँ बटोरीं और कमा लिये 240 मिलियन डॉलर



सच कहूँ तो म्लेच्छ(अति शीत के कारण मलिन रहने वाले) ही जान पाये हैं लक्ष्मी जी की असली पूजा का रहस्य । 
अब यही देखिये, अमेरिका-योरोप के लोग चीन गये ........ 


वहाँ उन्होंने एक सुनहरा वृक्ष देखा ………..


नीचे धरती पर बिछी उसकी सुनहरी पत्तियों का गद्दा देखा....



गद्दे पर पड़े कुछ सुनहरे फल देखे, फल को चखा तो गद्गद हो गये …….


स्थानीय लोगों ने बताया कि ये वृक्ष दुनिया के प्राचीनतम जीवितफ़ॉसिल्स के रूप में जाने जाते हैं । एक चीनी किसान ने हँसते हुये बताया कि भारत में पीपल और चीन में ज़िंक्गो-बाइलोबा पवित्र वृक्ष माने जाते हैं । इसीलिये बौद्धमन्दिरों एवं अन्य पवित्रस्थानों के पास ये वृक्ष अधिक पाये जाते हैं ।


चीनियों ने बातों-बातों में उन्हें यह भी बता दिया कि ये फल
शक्तिदायक हैं और इसकी पत्तियाँ स्मरणशक्तिवर्द्धक । बस, वे उसे अपने-अपने देश ले गये, सड़क के दोनो किनारों पर लगा दिया और
वसंत के आने की प्रतीक्षा करने लगे


और जब वसंत आया तो वृक्षों ने अपनी पीली-सुनहरी पत्तियाँ बिछाकर अमेरिका और योरोपवासियों का मुस्कराते हुये स्वागत किया
                                          

समय बीतता गया और अमेरिका एवं योरोप के लोगों ने ज़िंक्गो-बाइलोबा की पत्तियों का कई तरीकों से उपयोग करना सीख लिया । वे पत्तियों को बटोरते, उनका सार बनाते और लाखों डॉलर की कमाई करते । 1997 में अमेरिका का यह व्यापार 240 मिलियन डॉलर तक पहुँच गया था । इसके बाद जब टैमीफ़्लू के निर्माण में खपत होने वाले इल्लिसियम वेरम(चाइनीज़ स्टार एनिस) की माँग़ ने आम आदमी की रसोई से स्टार एनिस को ग़ायब कर दिया तो जापानियों ने इसके विकल्प के रूप में जिसे खोजा वह यही था यानी ज़िंक्गो-बाइलोबा, उनका अपना Japanese Silver apricot । स्वाइनफ़्लू की औषधि टैमीफ़्लू के मुख्य घटक Shikimic acid के नये स्रोत के आविष्कार से जापानी फ़ूले नहीं समाये । आज इसकी पत्तियों का सार जापानियों, चीनियों और म्लेच्छों के लिये बिलियन्स डॉलर्स की कमायी का स्रोत बना हुआ है ।


चीनी मूल के इस मनोहारी वृक्ष का चीनी नाम है येन झिंग Yen xing, बाद में अमेरिकन्स ने इसे कई नाम दिये, यथा - फ़ॉसिल ट्री Fossil tree/ ज़िंक्गो बाइलोबा Ginkgo biloba/ जापानी सिल्वर एप्रीकोट Japanese Silver apricot और अंत में वनस्पतिविज्ञानियों ने इसे वैश्विक नाम दिया  सैलिस्बूरिया एडियण्टीफ़ोलिया salisburia adiantifolia


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