रविवार, 25 अगस्त 2013

यौन दुष्कर्म के लिये कुख्यात होता भारत

विधि से नहीं डरते बलात्कारी
 
...और अब मुम्बई में फ़ोटो ज़र्नलिस्ट के साथ क्रूरतापूर्वक सामूहिक यौन दुष्कर्म ।
क्रूर यौनदुष्कर्मी चाँदबाबू सत्तार शेख़ उर्फ़ मोहम्मद अब्दुल की दादी अपने पोते को बचाने उसके नाबालिग और मासूम होने का सर्टीफ़िकेट लेकर सामने आ गयी हैं। बलात्कार से पहले अपने पोते को उसकी उम्र और मासूमियत का हवाला देते हुये दादी ने यदि कभी कोई संस्कार दिये होते तो आज एक पापी की मासूमियत सिद्ध करने के लिये दादी को तकलीफ़ नहीं उठानी पड़ती।
यदि दादी की जगह मैं होता और मोहम्मद अब्दुल की जगह मेरा लड़का, तो मैं माँग करता कि इस किशोर को दुनिया की सबसे कड़ी सजा दी जाय और वह भी मेरी आँखों के सामने, वही सजा मुझे भी दी जाय अपनी औलाद को सही संस्कार न देने के अपराध के लिये।   
 
समानांतर सेना ...
 
आन्ध्र के भद्राचलम की सीमा से लगे दक्षिण बस्तर के नवनिर्मित बीजापुर जिले के गंगालूर दलम की एरिया कमाण्डर सौम्या मिनचा ने अपनी गिरफ़्तारी के बाद जानकारी दी है कि माओवादी अब गाँव की तेज़-तर्रार लड़कियों को माओवादी दलम में शामिल कर उन्हें उग्रवादी बना रहे हैं। मिनचा जैसी छह और महिला एरिया कमाण्डर ग्रामीण लड़कियों को जंगल में पहुँचा रही हैं। माओवादी बड़े पैमाने पर नारीशक्ति का दुरुपयोग करने के लिये एक महिला बटालियन तैयार कर रहे हैं। माओवादी घटनाओं में महिलाओं की सहभागिता अब एक सामान्य बात हो गयी है। शायद इसीलिये इस इलाके के लगभग 28 रेलवे स्टेशंस माओवादियों के निशाने पर हैं और सरकार उनके विस्फ़ोट से उड़ाये जाने की प्रतीक्षा में है। कल के दैनिक भास्कर के हवाले से पता चला है कि बिलासपुर डिवीजन के टेंगनमाड़ा, खोड़री, खोंगसरा, बोरीडांडा, उदलकछार, दर्रीटोला, नगर, जामगा एवं दगोरा ; रायपुर डिवीजन के बालोद, कुसुमकसा, दल्ली राजहरा ; तथा नागपुर डिवीजन के गोंदिया, दारेकसा, सालेकसा, बोरतलाब, पनियाजाब, डॉंगरगढ़, राजनान्दगाँव, बालाघाट, सामनापुर, चारेगाँव, लमता, देवालगाँव, अर्जुनी, वाडसा, नागभीर, एवं चांदाफ़ोर्ट रेलवे स्टेशन माओवादियों की सूची में हैं।

इस बीच माओवादियों के लिये ख़ुराक की तरह एक और ख़बर छपी है कि पिछले साल नवम्बर में मुख्यमंत्री रमन सिंह ने 13 करोड़ की लागत से जिस सड़क का उद्घाटन किया था वह गुरुवार की रात शिवनाथ नदी के प्रवाह में सिसक-सिसक कर रोती हुयी बह गयी । शिवनाथ नदी पर बने पुल और धराशायी हुयी सड़क के बीच 25 फ़ीट का फ़ासला हमारी नैतिक प्रगति को चिढ़ाने से बाज़ नहीं आ रहा है। नैतिक प्रगति का एक और शानदार नमूना धनवाद के आयकर विभाग के कचरेखाने में भी दिखायी पड़ा। सबूत है लालू-राबड़ी की फ़ाइलें जो आयकर विभाग के कबड़ख़ाने से बरामद हुयीं।       

चलते-चलते एक ख़बर और ...

दादागीरी से अब पुरुषों का वर्चस्व समाप्त। संविदा में कार्यरत एक महिला कर्मचारी ने उसके स्थान पर पदस्थ नियमित महिला कर्मचारी को धमकी दी है कि यदि उसने ज्वाइन करने की हिमाकत की तो उसका पति उसे गोली से उड़ा देगा। 

1 टिप्पणी:

  1. माइट इज़ राइट - तीनों खबरों में एक बिन्दु साफ है, देश में समाज, सरकार, आदर्श, व्यवस्था जैसी कोई चिड़िया पर नहीं मारती, जंगलराज है जंगलराज।

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टिप्पणियाँ हैं तो विमर्श है ...विमर्श है तो परिमार्जन का मार्ग प्रशस्त है .........परिमार्जन है तो उत्कृष्टता है .....और इसी में तो लेखन की सार्थकता है.